श्यामला हिल्स स्थित बँगलें पर शांति थी ..वो भी शांत थे लेकिन चेहरे पर टहल रहे भाव दिलोदिमाग में चल रही परेशानी की चुगली कर रहे थे ...आँखे टीव्ही के पर्दे पर नुमाया हो रहे गुजरात चुनाव के एग्जिट पोल पर गडी थीं ...| पोल तो उन्ही की पार्टी के पक्ष में गाने गा रहे थे लेकिन शायद उनको यह खबर रास न आ रही थी ...
‘गुजरात खिसकता तो राहत मिलती’...बडबडाते हुए उन्होंने फोन को हाथ पर कस लिया | ‘हल्लो’ ...गूंजते ही वह फिर बडबडा उठे ..’किस्मत ही ख़राब है ..सोचा था कि गुजरात में भट्टा बैठेगा तो ..धीरे धीरे किनारे लगा देंगे ...लेकिन हाय..यह फूटी किस्मत’......|
बिना उत्तर सुने उन्होंने लगभग खीझते अंदाज में फोन ऐसा काटा जैसे कि किसी का गला ही रेत डाला हो ..|
रिमोट को आदेश हुआ तो उसने टीव्ही बंद करने का अपना फर्ज़ निभा दिया | वह भी सामने पड़ी टेवल पर पैर उपर कर सोचते हुए आड़े हो गए ..| कुछ वक्त बाद किसी ने दरवाजे की ओट से थोड़ा खखारते हुए झाँका...| आँख खुली तो अनमने होकर अंदर आने की अनुमति दे दी ...|
‘क्या करेंगे अब ?....अब दोनों पहलवान पेल डालेंगे लोकसभा चुनाव तक...’ बडबडाते हुए आने वाले ने पहला जुमला उछाल दिया सामने ..| उन्होंने कोई उत्तर न दिया तो आने वाले ने अपनी बात को फिर आगे बढ़ा दिया ...| ‘ सब कुछ पूछ कर करो ...कोई आजादी नही ...अब आने वाले चुनाव में टिकिट भी सारे उनके मन के ..तो हम क्या यहाँ भिंडी बोते रहेंगे ..’ | साफ़ समझ आ रहा था कि आने वाला भी मानसिक रूप से काफी पीडित है | अचानक अब वो बोले ..’ मेरा तो सब एक तरफा मामला ही था ..लेकिन अब कोफ़्त होने लगी है ...ऐसा लगने लगा है कि मै तो सिर्फ भाषण के लिए यहाँ बैठाया गया हूँ ..सत्ता तो नागपुर और दिल्ली से ही चलेगी ..’|
तनिक साँस लेकर वह फिर तेज़ आवाज में बोले ..’अरे इतने साल जी जान से लगा रहा लेकिन अब तो लगता है कि ‘बाबा’ की तरह मुझे भी किनारे पर खड़ा कर दिया जाएगा ..’ | माना कि व्यापम,किसान आत्महत्या,महिला बलात्कार के मामले में अव्वल,अफसरशाही का हावी होना जैसे कई आरोप ज़रूर हैं लेकिन सब चलता है ..’| थोडा रुके और फिर सोफे से उठते हुए रिरियाते हुए बोले ..’सबको खूब दिया ..सबकी इच्छा पूरी की ..दिल्ली से लेकर नागपुर तक ...अरे मैंने भी अपना हिस्सा रख लिया तो क्या हुआ ?..आखिर मुझे भी मेरा भविष्य जो देखना है ..”
उनकी परेशानी झरझरा रही थी ...| अचानक बोले कि ..’रत्नों को बुलाया है..कुछ तो आगे की तैयारी करनी होगी ..”|
शब्द पूरे भी न हुए थे कि अचानक सूट बूट में कुछ कन्हैया आ धमके | रत्न ऐसे ही थोड़े थे ...वह सब सियासत में आगे बनने वाले समीकरणों को समझ चुके थे | भांप गए थे कि तिल्ली का तेल निकल चुका है अब कोई फायदा नही | रत्नों ने टालू अंदाज में कहा कि ..” सर ..अभी तो सिर्फ संभावित परिणाम है ..असल तो आने दीजिये फिर देखतें हैं..”
रत्नों के उत्तर से उनको थोड़ी आशा की किरण दिखाई पड़ी | वो थोड़े से सामान्य हुए ..इधर रत्नों ने जल्द खिसकने में ही भलाई समझी ...अरे आखिर उन्हें तो नया दरवाजा पकड़ना था ....